नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में कल रात अमरनाथ यात्रियों के बस पर हुए हमले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन दोनों का हाथ था। हमले में सात तीर्थ यात्रियों की मौत है जबकि 19 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों में 5 महिलाएं शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन दोनों आतंकी संगठनों ने मिलकर इस आतंकी हमले को अंजाम दिया है। कहा जा रहा है कि अबु इस्माइल नाम का लश्कर का आतंकी इस हमले को लीड कर रहा था। इसके साथ दो पाकिस्तानी आतंकी और दो स्थानीय आतंकी शामिल थे।
स्थानीय हिजबुल कैडर ने की आतंकियों की मदद
सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय हिजबुल कैडर ने आतंकियों को ठहरने में मदद किया था। तीर्थ यात्रियों की बस पर गोलियां बरसाने के दौरान आतंकी बस को अपने कब्जे में लेना चाहते थे, आतंकियों के पास तीन दिन का राशन भी था। आतंकवादी काफिले से छूटी बसों पर ताक लगाए बैठे थे। हालांकि ये अकेली बस नहीं थी जो काफिले से अलग चल रही थी।
अमरनाथ गुफा के दर्शन कर लौट रहे थे
बता दें कि कल देर रात आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रा की एक बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जिसमें सात तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। जबकि 19 घायल हो गए। खबरों के मुताबिक, हमले को करीब चार आतंकियों ने अंजाम दिया। बस में सवार यात्री बालताल के रास्ते अमरनाथ गुफा के दर्शन कर आठ जुलाई को श्रीनगर लौट रहे थे। उसके बाद श्रीनगर और सोनमर्ग घूमकर कल रात वापस जम्मू की तरफ लौट रहे थे।
