चाहे खेल के मैदान में पसीना बहाना हो या जंग के मैदान में खून दोनों ही मोर्चों पर भारतीय सैनिक जी जान लगा देते हैं। जीत ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है। ऐसे ही कई सैनिकों ने खेल की दुनिया में भी भारत का नाम रोशन किया। आज हम आपको बताएंगे ऐसे पांच सैनिकों के बारे में जिन्होंने खेल की दुनिया में झंडे गाड़ेः
राज्यवर्धन सिंह राठौर : शूटिंग

राज्यवर्धन सिंह राठौर (फाइल फोटो)
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित राज्यवर्धन सिंह राठौर भारतीय सेना में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त है। 2004 के ओलिंपिक खेलों में राठौर ने निशानेबाज़ी के डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक अपने नाम किया था। ओलिंपिक के अलावा राठौर कामनवेल्थ खेलों में भी भारत का नाम रोशन कर चुके है।
मिल्खा सिंह : धावक

मिल्खा सिंह (फाइल फोटो)
‘फ्लाइंग सिख’ कहे जाने वाले मिल्खा सिंह भी भारतीय सेना का हिस्सा रह चुके हैं। सेना में आने के बाद मिले मार्गदर्शन ने उन्हें एक उम्दा धावक में बदल दिया। मिल्खा सिंह ने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ में भारत के लिए कई मैडल जीते।
जीतू राय : निशानेबाजी

जीतू राय (फाइल फोटो)
भारतीय सेना की 11 गोरखा रेजिमेंट के जीतू राय ने कई अन्तर्राष्ट्रीय मंचो पर जीत दर्ज कर भारत का नाम रोशन किया। सन् 2014 में 10 मीटर एयर पिस्टल में विश्व रैंकिंग में जीतू राय नंबर 1 पर थे और 50 मीटर में नंबर 4 पर। जीतू राय भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर है।
विजय कुमार : निशानेबाजी

विजय कुमार (फाइल फोटो)
2012 के ओलिंपिक में विजय कुमार सेना ही नहीं बल्कि भारत के स्टार शूटर बन कर उभरे और उन्होंने सिल्वर मैडल अपने नाम किया। डोगरा रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में बतौर सूबेदार मेजर तैनात विजय कुमार अपनी सफलता और जीत के पीछे भारतीय सेना का बहुत बड़ा हाथ बताते है।
ध्यानचंद : हॉकी

हॉकी का जादूगर ध्यानचंद (फाइल फोटो)
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद भी भारतीय सेना का हिस्सा थे। उन्होंने भारतीय हॉकी टीम को अजेय बना दिया था। वर्ष 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक जिताने में ध्यानचंद की अहम भूमिका थी। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 400 से ज्यादा गोल दागने वाले ध्यानचंद का जन्मदिन (29 अगस्त) राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
