नई दिल्ली। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने डोकलाम और बांग्लादेशी घुसपैठ पर साफ शब्दों में कहा है कि डोकलाम मसले पर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, वहां की स्थिति अब ठीक हैं। बुधवार को डोकलाम विवाद के मद्देनजर सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि इस पर खतरे का ध्यान रखा जा सकता है, पर हमें उत्तर पूर्व की समस्याओं को समग्रता के साथ देखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर में बांग्लादेशी घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
डोकलाम के जरिए चीन की नजर सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर !
गत दिनों विवादित क्षेत्र पर सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल बना रहा था। सेना ने चीन को सड़क बनाने से रोका। जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा। दरअसल, डोकलाम इलाके से भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर की दूरी काफी कम है, जो नॉर्थ ईस्ट को भारत के शेष क्षेत्रों से जोड़ता है। माना जा रहा है कि डोकलाम के जरिए चीन की नजर सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर है, जिससे वह पूर्वोत्तर के इलाकों पर कब्जा जमा सके। बुधवार को एक सम्मेलन में आर्मी चीफ ने स्पष्ट कहा कि अब चिंता की जरूरत नहीं है। इस माह के शुरुआत में जनरल रावत, विदेश सचिव गोखले और NSA अजित डोभाल भूटान दौरे पर गए थे। इस दौरे में उन्होंने भूटान सरकार के शीर्ष नेतृत्व से डोकलाम की स्थिति पर चर्चा की थी। विवाद के बाद आला अधिकारियों का यह पहला भूटान दौरा था।
Other issue is planned immigration taking place because of our western neighbour. They will always try & ensure that this area is taken over. This proxy dimension of warfare is well played by our western neighbour & supported by our northern neighbour: General B Rawat (21.02.18) pic.twitter.com/TdrwX0tY0g
— ANI (@ANI) February 22, 2018
बांग्लादेश घुसपैठ पर सेना प्रमुख ने दिया ये बयान
भारतीय सेना प्रमुख ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के पीछे हमारे पश्चिमी पड़ोसी की छद्म नीति निहित है। जनरल रावत का संकेत पाकिस्तान और चीन दोनों की ओर था। उन्होंने कहा कि इसकी योजना पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) ने बनाई है और उसे उत्तरी पड़ोसी (चीन) का समर्थन हासिल है। वे इस इलाके में प्रॉक्सी युद्ध लड़ने के मकसद से कार्य कर रहे हैं।
