नई दिल्ली। युद्ध में दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय एयर फोर्स ने एक एडवांस हथियार का सफल परीक्षण किया है। 120 किग्रा का यह स्मार्ट ऐंटी-एयरफील्ड वेपन 100 किमी के दायरे में निशाने पर एकदम सटीक हमला कर सकता है। स्वदेश में विकसित इस हल्के ‘ग्लाइड बम’ का शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
70 किमी दूर लक्ष्य को खोजकर बनाया निशाना
एयर फोर्स के एयरक्राफ़्ट से इसका सफल परीक्षण किया गया। एयरक्राफ़्ट से निकले गाइडेड बम को नेविगेशन प्रणाली के जरिए भेजा गया। गाइडेड बम ने तकरीबन 70 किमी से भी अधिक दूरी पर लक्ष्य को निर्धारित कर सटीक तरीके से निशाना बनाया।’
अलग-अलग स्थितियों तथा दूरी के मुताबिक स्मार्ट ऐंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) के तीन परीक्षण किए गए। तीनों ही परीक्षण सफल रहे। केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने DRDO के वैज्ञानिकों और IAF को सफलतापूर्वक परीक्षणों पर मुबारकबाद दी है।
डीआरडीओ के चेयरमैन एस. क्रिस्टोफर ने कहा कि SAAW को जल्द ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि सितंबर 2013 में SAAW प्रॉजेक्ट को मंजूरी मिली थी। पिछले साल मई में DRDO ने बंगलुरु में IAF के जगुआर एयरक्राफ्ट से इस वेपन का पहला परीक्षण किया था। दूसरा परीक्षण पिछले साल दिसंबर में Su-30MKI लड़ाकू विमान से किया गया था।
यह होगी इस बम की खास बात
गौरतलब है कि इसे टारगेट के ठीक ऊपर पहुंचकर दागने की जरूरत नहीं होती है। लम्बी दूरी की क्षमता के कारण यह 100 किलोमीटर की दूरी से ही सीमा के आस पास सटे इलाकों में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है। इससे एयरक्राफ्ट तथा पायलट के लिए खतरा कम हो जाता है। हालांकि, विश्व युद्ध में सबसे पहले इस तरह के बम का इस्तेमाल हुआ था लेकिन एडवांस ‘रिमोट कंट्रोल सिस्टम’ से यह अब और भी प्रभावी हो गया है।
