नई दिल्ली। ग्रुप कैप्टन सुभाष सिंह राव को साहस, दृढ़ता और वीरता के लिए वायुसेना मेडल से सम्मानित करने का निर्णय किया गया है। अगर उन्होंने सुझबूझ और संयम न दिखाया होता तो न सिर्फ कीमती लड़ाकू विमान नष्ट बल्कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता था।
घटना बीते 10 अक्टूबर, 2016 की है। विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) सुभाष सिंह राव एक वायु परीक्षण सामरिक उडान पर थे। वह मिग-21 (बीआईएस) स्क्वाड्रन में फ्लाइट कमांडर के रूप में तैनात थे। शांत उड़ान के बाद जब वह मिग को उतारने की तैयारी कर रहे थे उन्हें जानकारी मिली कि उनके विमान का दाहिना पहिया रनवे से हट गया है। यह विषमता एक गंभीर गड़बड़ी थी जिसके परिणामस्वरूप पायलट को विमान से निकलना पड़ सकता था। यह खतरनाक स्थिति हो सकती थी और विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकता था। साथ ही इसमें पायलट सहित संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता था। ऐसी नाजुक घड़ी में विंग कमांडर सुभाष सिंह राव ने सुझबूझ, संयम और बहादुरी दिखाते हुए फैसला लिया औऱ हादसे को टाल दिया। .
बहुत कम समय में उन्होंने स्थिति को भांप लिया और आपात स्थिति को समझ लिया। उन्होंने चौकसी बरतते हुए साहसिक फैसला कर विमान को उतारा। उतारते समय विमान के पहियों ने काम नहीं किया और विमान रनवे से बाहर जाने लगा। विंग कमांडर सुभाष सिंह राव ने विमान पर अपना नियंत्रण बरकरार रखते हुए अपने उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन किया और रनवे पर विमान को रोक कर विमान को बचा लिया।
दबाव की स्थिति के बावजूद विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) राव ने संयम नहीं खोया। वह पूरी जानकारी जमीन पर मौजूद कर्मियों को देते रहे जिन्होंने बिना किसी दहशत के विमान को सुरक्षित उतारने में मदद की। अत्यंत साहस का परिचय देते हुए विंग कमांडर राव ने विमान को उतारा। वह एक कीमती लडाकू विमान का नुकसान होने से बचा पाए और साथ ही जमीन पर जानमाल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
इस असाधारण साहस, दृढ़ता और वीरता के लिए उन्हें वायु सेना मेडल से सम्मानित करने का निर्णय किया गया है।
