नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के बेड़े में 2024-2025 तक स्वदेशी निर्मित 123 लाइट काम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस लड़ाकू विमान शामिल होंगे। तेजस का निर्माण करने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्राइवेट सेक्टर की कम्पनियों का भी सहारा लेगी।
तेजस एक सुपरसोनिक, सिंगल सीट, सिंगल इंजन और बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है। इसके निर्माण में कॉर्बन फाइबर कम्पोजिट (CFC) धातु का इस्तेमाल किया जाएगा। इस विमान की चौथी पीढ़ी का निर्माण एयरोनॉटिक्स डेवलपमेंट एजेंसी (AWA) और हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर कर रहे हैं। इसका निर्माण वायुसेना और नौसेना की जरूरतों का ख्याल रखते हुए किया जा रहा है।
तेजस लड़ाकू विमान पहली बार वायुसेना में 1 जुलाई 2016 को शामिल किया गया था।

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