लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों की कैंटीन में अब पकौड़ा-समोसा, पूड़ी-सब्जी, उबला अंडा समेत कई तले और पके हुए व्यंजन नहीं मिलेंगे। उत्तर प्रदेश शासन ने जेलों में सुरक्षा तथा भीतर की व्यवस्था को देखते हुए यह कदम उठाया है।
उत्तर प्रदेश की जेलों में साल 2015 में दिल्ली की तिहाड़ जेल की तर्ज पर तले हुए व्यंजन समेत 13 खाद्य साम्रगियों की बिक्री की इजाजत दी थी। लेकिन पिछले दिनों बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या तथा रायबरेली जेल में बंद कुख्यात अपराधियों का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने जांच पड़ताल की और यह कदम उठाया।
सूत्रों के मुताबिक जेलों में कैंटीन भले ही बंदी रक्षक संचालित करता है पर अपनी मनपसंद साम्रगी बनवाने में बंदियों का दखल रहता था। इस बात को देखते हुए कारागार प्रशासन ने शासन से इस व्यवस्था में बदलाव की सिफारिश की थी। इस बाबत एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने शासन को पत्र भी लिखा था।
अभी तक जेलों की कैंटीन में आलू-पराठा, पूड़ी-सब्जी, पकौड़ा-समोसा, उबला अंडा, जलेबी, पोहा, सूजी का हल्वा, छोले-भटोरे आदि उपलब्ध रहता था। नए शासनादेश के बाद अब केवल चयनित साम्रगी ही कैंटीनों में उपलब्ध होगी।
अब ये साम्रगी मिलेगी कैंटीन में
दही-लस्सी, दूध-मट्ठा, पैक्ड नमकीन, ब्रेड, बनी हुई चाय, पैक्ड आचार, पैक्ड लइया चाना, पैक्ड बिस्कुट, टूथपेस्ट पाउडर, बूट पॉलिश, चप्पल-जूता, बनियान, जूता-मोजा, साबुन आदि।
