नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलिस कांस्टेबल को सूबे में आतंकवादियों से मुकाबला करने में अदम्य साहस दिखाने पर मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। शांति काल में दिया जाने वाला यह तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उड़ी सेक्ट निवासी मंजूर अहमद नाइक ने पिछले साल पांच मार्च को दक्षिण कश्मीर के त्राल के एक गांव हफ्फू नगीनपोरा में आतंकवादियों को मार गिराते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने उन्हें अदम्य साहस और परम वीरता के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। शौर्य चक्र देश का वह सम्मान है जो शांति काल में वीरता की अद्भूत मिसाल पेश करने, साहसिक कार्रवाई और आत्म बलिदान के लिए दिया जाता है।

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