आज हम आपको एक खास कमांडों ट्रेनर से मिला रहे हैं। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी हैं। वह डॉक्टर हैं और वह लेखक भी हैं। उनकी आधा दर्जन से ज्यादा किताबें आ चुकी हैं। पर उन्हें जो सबसे खास बनाता है वह है उनका देश सेवा का फौलादी जज्बा। वह अब तक सुरक्षा बलों के 20,000 से ज्यादा कमांडो को ट्रेनिंग दे चुकी हैं। वह भी निशुल्क। मिलिए डॉ. सीमा राव से। मिलिए देश की पहली महिला कमांडो ट्रेनर से। डॉ. सीमा राव को ट्रेनिंग देते हुए लगभग 21 वर्ष हो गए हैं। इस दौरान वह दो बार गंभीर रूप से जख्मी हुईं। एक बार छह हफ्तों के लिए याददाश्त चली गई और दूसरी बार कमर टूटने पर छह महीने अस्पताल में रहना पड़ा लेकिन डॉ. सीमा ने कभी हार नहीं मानी। आइए जानते हैं उनके प्रेरक सफर के बारे मेः
स्वतंत्रता सेनानी के घर हुआ जन्म
डॉ. सीमा राव के पिता Professor Ramakant Sinari स्वतंत्रता सेनानी थे। गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराने में Professor Sinari ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी के लिए संघर्ष के किस्से सुनकर बड़ी हुई डॉ. सीमा ने बचपन में ही तय कर लिया था कि बड़े होकर देश के लिए कुछ अलग करना है।
