नई दिल्ली। भारत पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी धमकियों की परवाह नहीं करते हुए भारत ने रूस के साथ एस- 400 मिसाइल सौदा सम्पन्न कर लिया है। यहां रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच शुक्रवार को हुई शिखर बैठक के बाद जारी साझा बयान में इस आशय का ऐलान किया गया।
भारत ने रूस के साथ यह समझौता कर अपनी सामरिक स्वायत्ता बनाए रखने का संकेत दिया है। कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने धमकी दी थी कि भारत ने यदि रूस से एस- 400 एंटी मिसाइल प्रणाली खरीदने का सौदा किया तो अमेरिकी कैटसा कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगा देगा। कैटसा(काउंटरिगं अमेरिकन एडवर्सरीज थ्रू सैंक्संस एक्ट ) के तहत यह प्रावधान है कि जो भी देश रूस से कोई भी रक्षा साज सामान खरीदेगा उस पर अमेरिका प्रतिबंध लगा देगा। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही चीन द्वारा रूस से एस- 400 मिसाइल खरीदने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था और साथ में भारत का नाम लिये बिना यह अप्रत्यक्ष धमकी भी दी थी कि कोई अन्य देश भी यदि रूस के साथ इसी तरह का समझौता करेगा तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा।
India & Russia welcomed the conclusion of the contract for the supply of the S-400 Long Range Surface to Air Missile System to India. Both the sides reaffirmed their commitment to enhance military-technical cooperation: India-Russia Joint statement pic.twitter.com/VDRHLbLvTg
— ANI (@ANI) October 5, 2018
लेकिन भारत ने अपनी सामरिक जरुरत बताते हुए रुस से यह सौदा करने में हिचक नहीं दिखाई और करीब पांच अरब डालर का यह सौदा कर लिया। इसके तहत रुस से एस- 400 के पांच सिस्टम्स खरीदे जाएंगे जिनकी सप्लाई 2020 से शुरु हो जाएगी। एस- 400 एंटी मिसाइल प्रणाली दुश्मन के किसी भी लड़ाकू विमान . या ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल को आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखती है। भारत को एस- 400 को जो किस्म दी जाएगी वह 250 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की बैलि्स्टिक मिसाइल को मार गिराने में सक्षम होगी। एस- 400 की नवीनतम किस्म चार सौ किलोमीटर तक मार करने वाली है जिसका परीक्षण कुछ महीनों पहले ही किया गया है। रूस ने कहा है कि भारत को एस- 400 की जो किस्म दी जाएगी उसमें सुधार कर इसकी मारक दूरी चार सौ किलोमीटर तक की जा सकती है।
दोनों देशों ने अपने साझा बयान में कहा है कि सैनिक औऱ सैन्य तकनीक सहयोग दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी का एक मजबूत खम्भा रहा है। दोनों देशों के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग का एक रोडमैप तैयार किया गया है जिससे आने वाले सालों में दोनों देशों के बीच औऱ गहरे रक्षा सम्बन्ध विकसित होंगे।
रूस और भारत के बीच रिश्तों में आर्थिक आदान प्रदान एक कमजोर कड़ी रही है इसलिये इसे और मजबूत बनाने के इरादे से दोनों देशों ने भारत रूस आर्थिक सहयोग का एक साझा घोषणा पत्र भी जारी किया है जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक व व्यपारिक रिश्तों को औऱ गहरा बनाने की रुपरेखा पेश की गई है।
रक्षा के अलावा भारत और रूस के बीच रिश्तों का एक मजबूत खम्भा परमाणु सहयोग भी है जिसे भी पुतिन-मोदी शिखर बैठक में और गहरा बनाने के इरादे से कुडनकुलम में सभी छह परमाणु घरों को जल्द बनाने पर सहमति हो चुकी है। दोनों देशों ने बाहरी अतंरिक्ष के शस्त्रीकरण का भी विरोध किया है । अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा में सहयोग देने के इरादे से दोनों देशों ने साझा प्रोजेक्टों पर काम करने का फैसला किया है।
