नई दिल्ली। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू भारत के दो दिनों के अहम दौरे पर यहां 12 दिसम्बर को आए। 13 दिसम्बर को सुबह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय साउथ ब्लॉक पर उनकी अगवानी करेंगी।
रूस से एस- 400 एंटी मिसाइल के सौदे पर अमेरिका द्वारा एतराज किये जाने और सौदे को लागू करने पर भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की धमकियों के बीच रूसी रक्षा मंत्री का भारत का अहम दौरा होगा।
भारत और रूस के रक्षा सम्बन्ध पिछले कई दशकों से विकसित होते रहे हैं लेकिन अमेरिका द्वारा अपने घरेलू कानून कैटसा के जरिये भारत को रूस के साथ रक्षा साज सामान नहीं खरीदने की धमकी को यहां भारतीय रक्षा मंत्री ने नामंजूर कर दिया है लेकिन रूस के साथ रक्षा सौदों को व्यवहार में लाने में वित्तीय अड़चनें हैं जिन्हें दूर किये बिना रूस के लिये भारत को शस्त्र प्रणालियों की सप्लाई मुमकिन नहीं होगी।
भारत रूस को रक्षा साज सामान की कीमत अमेरिकी डॉलर में भुगतान करता रहा है लेकिन प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी धमकियों की वजह से भविष्य में रूस को अमेरिकी डॉलर में भुगतान नहीं हो सकेगा। यहां रक्षा सूत्रों के मुताबिक रूस को हथियारों के सौदों के भुगतान के लिये भारतीय रुपये में भुगतान के विकल्प पर भी विचार किया गया है लेकिन रूस इसके लिये तैयार नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने हाल में रूस से कई नौसैनिक युद्धपोतों की खरीद का भी सौदा किया है। इसके अलावा भारतीय सेनाओं के लिये रूसी एसाल्ट राइफलों का सौदा भी हाल में किया गया है। ये सब सौदे जमीन पर तभी उतर सकेंगे जब रूस को इनका भुगतान शुरू होगा।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि रूस के साथ रक्षा सहयोग के अन्य कार्यक्रमों औऱ ताजा प्रस्तावों पर भी बातचीत चल रही है। ये सभी कार्यक्रम खटाई में पड़ सकते हैं। अमेरिका के कैटसा कानून में कहा गया है कि रूसी हथियार कम्पनियों से जो भी देश समझौते करेगा उस पर अमेरिका पाबंदी लगा देगा।
