नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने की कोशिश कर रहे भारतीय सैनिकों की मौत का भारत ने क़ड़ा विरोध दर्ज करने के लिये यहां विदेश मंत्रालय में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक सीनियर अधिकारी को बुलाया गया।
घुसपैठियों को रोकने वाले तीन भारतीय जवानों की मौत 21 अक्टूबर की रात को जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर में हुई थी। यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी को कड़़ा राजनयिक विरोध पत्र सौंपने के साथ यह बताया गया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने दो पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया था। पाकिस्तानी अधिकारी से यह भी कहा गया कि पाकिस्तान सरकार अपने दोनों नागरिकों के शव ले जाने की व्यवस्था करे।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा इस तरह की उकसावापूर्ण कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की गई है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना भारतीय इलाकों में घुसपैठ करवाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने में आतंकवादी तत्वों के साथ सांठगांठ करती है। इससे पाकिस्तान के इस छलपूर्ण दावे का खोखलापना उजागर होता है कि वह शांति की चाहत में भारत के साथ रचनात्मक बातचीत चाहता है।
प्रवक्ता ने बताया कि नियंत्रण रेखा औऱ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के संघर्षविराम समझौते का लगातार गोलीबारी कर उल्लंघन किया जा रहा है और इससे भारत की गहरी चिंता से पाक को अवगत कराया गया है। 2003 के संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन रोकने के लिये संयम औऱ धैर्य बरतने के लिये बार-बार की गई अपील के बावजूद नियंत्रण रेखा औऱ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 2018 के दौरान पाकिस्तानी फौज ने 1591 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि भारत के खिलाफ आतंकवादी हरकतें करवाने के लिये अपने नियंत्रण वाली धऱती का दुरुपयोग करने से रोकने के दिवपक्षीय वादे पर अमल करे।
