नई दिल्ली। भूटान की नई सरकार के साथ भारत के दिवपक्षीय रिश्तों पर बात करने गए विदेश सचिव विजय गोखले ने भूटान सरकार को भरोसा दिलाया है कि वह भूटान के राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में हमेशा भागीदार बना रहेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह भारत और भूटान के रिश्तों को सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ते हुए देखते हैं।
थिम्पु में भारत और भूटान के रिश्तों पर भारत औऱ भूटान की विचार संस्थाओं द्वारा साझा तौर पर आयोजित गोष्ठी में विदेश सचिव ने कहा कि भूटान के 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रवेश करने के साथ भारत भूटान की प्राथमिकताओं के अनुरुप सहयोग करता रहेगा। विजय गोखले ने कहा कि भारत औऱ भूटान के रिश्तों का आधार 2007 की संशोधित भारत भूटान मैत्री संधि है जो दोनों देशों के बीच रिश्तों को ठोस आधार प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि एक दूसरे की प्रगति और इलाके में शांति व सुरक्षा से हमारे हित जुड़े हैं। यह साझेदारी समसामयिक दौर के अनुरुप बदलने की असाधारण क्षमता भी दिखाती है।
विदेश सचिव ने कहा कि भूटान के दोस्त औऱ नजदीकी साझेदार होने के नाते भारत भूटान के साथ सहयोगी रिश्ता विकसित कर भूटान के विकास में हर तरह का सहयोग करनेको प्रतिबद्ध है। थिम्पू में यह गोष्ठी भारत के इंडियन काउंसिल आफ वर्ल्ड अफेयर्स और भूटान की रायल इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित की गई थी।
उन्होंने कहा कि भारत औऱ भूटान के बीच दोस्ती औऱ सहयोग का असाधारण रिश्ता है। यह साझेदारी आपसी समझ एक दूसरे के प्रति सद्भावना और एक दूसरे के हितों के आदर पर आधारित है। यह रिश्ता नजदीक के ऐतिहासिक औऱ सांस्कृतिक सम्बन्धों पर आधारित है। एक दूसरे के विकास से हमारे हित जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत औऱ भूटान के रिश्ते इस मूल भावना पर आधारित हैं कि हम एक दूसरे के हितों को अपने दिलों में रखते हैं।
