नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए स्नाइपर (घात लगाकर हमला करने वाले) हमले नई चुनौती बन गये हैं। बताया जा रहा है कि सिंतबर के मध्य से लेकर अब 3 जवान स्नाइपर हमले में शहीद हो चुके हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी जवानों पर स्नाइपर हमले की आशंका से इनकार नहीं किया है। एक वेबसाइट के मुताबिक सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हमारे जवानों के साथ कुछ दुर्घटनाएं हुईं हैं। ये हमले स्नाइपर्स ने किए हैं या नहीं, फिलहाल इस पर हमारी रिसर्च चल रही है। अभी तक हमने कोई स्नाइपर हथियार बरामद नहीं किया है।’
गत शनिवार को श्रीनगर के बाहरी इलाके में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सहायक सब इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद नौगाम क्षेत्र के ग्रिड स्टेशन वागुरा में आतंकियों द्वारा की गई फायरिंग में गोली लगने से शहीद हो गये थे। सुरक्षाबलों ने इसे स्नाइपर जैसा हमला बताया है। इसी तरह 22 अक्टूबर को एक अर्धसैनिक बल के जवान की हमले में मौत हो गई थी। इस हमले के बारे में भी अंदेशा है कि यह स्नाइपर अटैक था। अंदेशा है कि घाटी में कुछ हाई स्किल्ड टेररिस्ट स्नाइपर्स सक्रिय हो गये हैं।
स्नाइपर्स आतंकी बेहद खतरनाक होते हैं। वे बिना नजरों में आए दूर से हमला करते हैं। दूर किसी गुप्त स्थान से छिपकर कोई निशानेबाज बंदूकधारी अचानक टारगेट पर हमला करता है।
