नई दिल्ली। 16 अक्टूबर को होने वाले गोवा मेरीटाइम सिम्पोजियम में हिंद महासागर के 16 तटीय देशों के आला नौसैनिक अधिकारी भाग लेंगे। यह सम्मेलन समुद्री पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना रिश्ता मजबूत करने के इरादे से आयोजित किया जा रहा है। गौरतलब है कि इसी तरह का गोवा मेरीटाइम कनक्लेव पिछले साल पहली बार आयोजित हुआ था जिसकी कामयाबी से उत्साहित हो कर गोवा के नेवल वार कॉलेज ने इस साल भी यह सम्मेलन आयोजित किया है।
इस सम्मेलन का विचारणीय विषय है- ‘हिंद महासागर में मजबूत सामरिक साझेदारी का निर्माण’।
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले हिंद महासागर के 16 तटीय देश हैं जिसमें दक्षिण पूर्व एशिया के चार देश इंडोनेशिया, मलयेशिया , सिंगापुर और थाईलैडं भारत के तीन पड़ोसी -बांग्लादेश, म्यांमार औऱ श्रीलंका, हिंद महासागर के द्वीपीय देश सेशल्स , मालदीव औऱ मारीशस, पश्चिम एशिया से ओमान के अलावा अफ्रीका से दक्षिण अफ्रीका , मडगास्कर,केन्या,तंजानिया और मोजाम्बीक शामिल हैं। रोचक बात यह है कि सम्मेलन में मालदीव ने भी अपने नौसैनिकों के भाग लेने की पुष्टि की है। हाल तक मालदीव भारत के किसी कार्यक्रम में अपनी भागीदारी से बचता रहा है।
यहां एक नौसैनिक अधिकारी के मुताबिक 21वीं सदी के सामरिक परिदृ्श्य में हिंद महासागर को प्रमुखता से उभरने के मद्देनजर इस सम्मेलन की अहम भूमिका होगी जिसके जरिये हिंद महासागर के हितधारकों के बीच समुद्री इलाके में सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने को लेकर विचारों का आदान प्रदान होगा और नीतियों के निर्धारण और इनके क्रियान्व्यन को लेकर चर्चा होगी।
यह नौसैनिक सम्मेलन गोवा के आईएनएस मंडोवी नौसैनिक स्टेशन पर होगा जिसके नजदीक ऐतिहासिक अगुवादा किला स्थित है। इस इलाके की इसा पूर्व दूसरी सदी से प्राचीन सामुद्रिक परम्परा रही है।
सम्मेलन में उभरते समु्द्री खतरों से निबटने के लिये तटीय देशों की नौसैनिक क्षमता के निर्माण पर भी चर्चा की जाएगी। सागरीय इलाकों में दोस्ती और पारदर्शिता का माहौल बनाने औऱ समुद्री सुरक्षा और खतरों और इनसे निबटने के उपायों पर बोलने के लिये देश के कई अग्रणी वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन का उद्घाटन नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा करेंगे।
