नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल विकसित करने के इरादे से सहयोगपूर्ण तालमेल होना चाहिये।
गोवा स्थित नौसैनिक अड्डा आईएनएस मंडोवी में कई देशों के आला नौसैनिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में नौसेना प्रमुख ने हिंद महासागर में सुरक्षा के माहौल की अहमियत पर जोर दिया। गोवा में 16 अक्टूबर को भारत के पडोसी तटीय देशों के सुरक्षा मंच गोवा मेरीटाइम सिम्पोजियम में बांग्लादेश, म्यांमार , मारीशस ,श्रीलंका , सिंगापुर, थाइलैंड आदि देशों के नौसैनिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस सेमिनार का विचारणीय विषय है- हिंद महासागर इलाके में मजबूत समुद्री सुरक्षा का निर्माण। सेमिनार में हिंद महासागर के तटीय देशों के लिये समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में क्षमता निर्माण पर विशेष जोर दिया गया ताकि उभरते हुए खतरों का सामना किया जा सके।
सेमिनार को श्रीलंका के प्रसिद्ध नौसैनिक विशेषज्ञ जयंत कोलम्बेज ,सिंगापुर की जेन चान गिट इन के अलावा भारत के कैप्टन वर्गीज मैथ्यूज, प्रोफेसर दत्तेश पारुलेकर ,डा. जाबिन जैकब आदि ने सम्बोधित किया । गोवा मेरीटाइम सिम्पोजियम पहली बार 2016 में आयोजित हुआ था। इस सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य समुद्र तटीय देशों के समुद्री सुरक्षा के बारे में अपने अनुभवों को साझा करना है। इस सेमिनार के जरिये समुद्र तटीय देशों के लिये समुद्री सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिये रणनीति तैयार करने उन्हें क्रियान्वित करने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा।
#GoaMaritimeSymposium Admiral Sunil Lanba CNS delivers inaugural address at the Goa Maritime Symposium 2018 @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/r1AERM3aBS
— SpokespersonNavy (@indiannavy) October 16, 2018
गौरतलब है कि हिंद महासागर के इलाके में समुद्री डाकाजानी की बढ़ती वारदातों की वजह से व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा को खतरा पहुंचता है। इसके अलावा समुद्री इलाके में व्यापारिक और सामरिक प्रतिष्ठानों को भी आतंकवादी तत्वों से खतरा पैदा हो सकता है।इन सबसे बचने के लिये हिंद महासागर के इलाके में कई देश अपने नौसैनिक पोत तैनात रखते है।
