इस्लामाबाद। वर्दी, पसंदीदा लिबास और पिस्टल जिनका गहना है ऐसी है पाकिस्तान की महिला पुलिस। इन महिला पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब हमने बन्दूक उठाई तो हमें बहुत खुशी हुई…और जब पहली गोली चलाई तो झटका जरूर लगा पर बाद में जोश आ जाता है क्योंकि निशाना सही जगह पर लगा… अब हम सोल्जर बन गए हैं तो बहुत अच्छा लग रहा है। यह कहना है शहीद पुलिसकर्मियों की याद में तीन दिवसीय शूटिंग प्रतियोगिता की भागीदार सोल्जर का। राष्ट्रीय पुलिस ब्यूरो द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान से कुल ग्यारह महिला टीमों ने हिस्सा लिया। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए वर्दी के बलिदान पर उन्हें गर्व है।
बेहद खुशी हुई जब हमें बंदूकें थमाई गर्इं
पुलिस अधिकारियों ने अपने लक्ष्य को भेदते हुए दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। अधिकारियों ने इस मौके पर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि ये अनुभव रोमांचकारी था। पंजाब की उपनिरीक्षक अनम शब्बीर ने कहा कि पसंदीदा लिबास वर्दी और पिस्तौल हमारा आभूषण है और सैनिकों के तौर पर हमें बंदूकें थमाया जाना बहुत ही रोमांचकारी है। उन्होंने कहा कि हमें बेहद खुशी हुई जब हमें बंदूकें थमाई गर्इं। हां, पहली दफा एक झटका सा लगता है लेकिन जब गोली सही निशाने पर जाती है तो जोश आ जाता है।
मुल्क की सुरक्षा का लिया संकल्प
गिलगित बाल्टिस्तान की टीम की इंस्पेक्टर जरीन जफर के मुताबिक महिला अधिकारी आतंकवाद को खत्म करने, डकैतियों अथवा सड़क अपराधों से निबटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। महिलाओं ने यहां देश और उसकी जनता की सुरक्षा निश्चित करने का संकल्प लिया है।
सिर्फ आर्मी ही काफी नहीं: इकबाल महमूद
इंस्पेक्टर जनरल राष्ट्रीय पुलिस ब्यूरो इकबाल महमूद ने प्रतियोगिता में महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया, उन्होंने कहा कि महिला पुलिस बल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और जिस तरह के हालात हैं। उसे देखते हुए हमें आर्मी पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। उनके साथ-साथ चलते चलते पुलिस महिला अधिकारी कई खतरों से अपने मुल्क को बचा सकती हैं।
