नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) को चौथा समुद्र तटीय पोत वराह मिलने से कोस्ट गार्ड की समुद्री चौकसी की क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। कोस्ट गार्ड को कुल 07 आफशोर पेट्रोल वेसेल (ओपीवी) मिलने हैं जिनका निर्माण देश में ही हो रहा है। यह पोत खासकर भारतीय विशेष समुद्री आर्थिक क्षेत्र की चौकसी में काम आएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को चेन्नई में यह पोत कोस्ट गार्ड में कमीशन किया। इस मौके पर कोस्ट गार्ड के महानिदेशक कृष्णास्वामी नटराजन और केन्द्र व राज्य सरकारों के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh taking a guided tour of the ICG Varaha. He is being briefed about the functioning of the vessel by DG @IndiaCoastGuard. pic.twitter.com/8JF15PeRXH
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 25, 2019
किवदंती के मुताबिक वराह भगवान विष्णु के तीसरे अवतार थे। किवदंती के मुताबिक उन्होंने धरती मां को समुद्र से बचाने के लिये पतवार का रूप धारण किया और धरती मां को ऊपर उठाया। वराह पोत का नाम रखना भारतीय राष्ट्र का संकल्प दर्शाता है कि वह देश के समुद्री हितों की रक्षा करेंगे। यह पोत न्यू मैंगलोर कर्नाटक में स्थित होगा और यह कोस्ट गार्ड के पश्चिमी क्षेत्र के कमांडर के तहत भूमिका निभाएगा।
98 मीटर लम्बे इस पोत का डिजाइन, विकास औऱ निर्माण लार्सन एंड टूब्रो ने चेन्नई के निकट कट्टुपल्ले में किया है। इसमें नवीनतम संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी लगी है। इसमें 30 और और 12.7 मिमी की तोप लगी है। इसके अलावा इसमें इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम , इंटीग्रेटेड प्लैटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम, आटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम और हाईपावर एक्सटर्नल फायर फाइटिंग सिस्टम लगा है। यह पोत समुद्र में किसी तेल वाहक पोत से तेल बहने के बाद प्रदूषण नियंत्रण प्रणालियों से लैस है।
यह पोत समुद्र में कानून पालक और समुद्री गश्ती भूमिका में काम आएगा। 2,100 टन विस्थापन क्षमता वाले इस पोत को 9,100 किलोवाट के इंजन से संचालित किया जाता है। इसकी अधिकतम गति 26 समुद्री मील की होती है। यह पोत 5,000 मील तक जा सकता है। वराह पोत पर 14 अफसर औऱ 89 नाविक तैनात होंगे। इस पोत की कमान कमांडेंट दष्यंत कुमार सम्भाल रहे हैं।
