नई दिल्ली। सेना में अनुशासन का अहम रोल होता है। एक अच्छे सैनिक का जीवन अनुशासन का दूसरा नाम होता है। और जब भी कोई कैडेट अनुशासन तोड़ता है तो उसे सजा के तौर पर ऐसा सबक दिया जाता है जो अगली बार उसे अनुशासन की सीमा लांघने से पहले सैकड़ों बार सोचने पर मजबूर कर देता है। इसीलिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में मिलने वाली सजा को कहा जाता है- ‘रगड़ा’।…आइये जानते हैं इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें जो अनुशासन तोड़ने वाले कैडेट्स को मिलती हैं-
सबसे कॉमन सजा है दौड़
ज्यादातर सैन्य एकेडमी में मिलने वाली सजाओं में सबसे कॉमन है ‘दौड़’। चाहे एनडीए हो, आईएमए हो या फिर कोई सैन्य एकेडमी गलती करने पर ज्यादातर सजा दौड़ने की ही दी जाती है और ये दौड़ परेड ग्राउंड की चक्कर से लेकर कई किलोमीटर तक भी हो सकती है। तब उस समय और सोने पे सुहागा हो जाता है जब दौड़ते वक्त कैडेट्स की पीठ पर भारी पिट्ठू (वजनी समान) लदा हो और दोनों हाथों में राइफल्स को सिर के ऊपर थाम दौड़ने का हुक्म दिया जाता है।
