नई दिल्ली। परमाणु, जैविक या रासायनिक (एनबीसी) हमले के दौरान नुकसान को कम करने और बचाव के लिये भारतीय नौसैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिये नौसेना को अभेद्य नाम की एक अनोखी सुविधा लोनावाला में आईएनएस शिवाजी को नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कमीशन किया है।
परमाणु, जैविक या रासायनिक युद्ध के माहौल से निबटने के लिये भारतीय नौसैनिकों को अब तक सैद्धांतिक ज्ञान ही मिलता था लेकिन अब पहली बार भारतीय नौसैनिकों को परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध का नकली माहौल बना कर उसमें नौसैनिकों को नुकसान कम करने और बचाव कार्य के लिये प्रशिक्षण देने का व्यावहारिक काम एक सीमुलेटर पर शुरू हो चुका है।
Admiral Sunil Lanba CNS commissions state of the art Nuclear Biological Chemical Training Facility at INS Shivaji – the creche of Naval Engineering https://t.co/Bdp9Pw0dfN pic.twitter.com/ouknqT1N5n
— SpokespersonNavy (@indiannavy) March 25, 2019
इस मौके पर आयोजित एक समारोह में दक्षिणी नौसैनिक कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (FOC in C) वाइस एडमिरल ए के चावला औऱ अन्य आला नौसैनिक व रक्षा अधिकारी मौजूद थे।
अभेद्य नाम की इस एऩबीसी सुविधा को गोवा शिपयार्ड लि. ने बनाया है। इसके लिये जीएसएल ने 31 मार्च, 2016 को नौसेना के साथ करार किया था। जीएसएल ने नौसेना को यह सुविधा तयशुदा वक्त से काफी पहले 26 सितम्बर, 2018 को ही सौंप दी थी।
जीएसएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर बीबी नागपाल ने इस मौके पर कहा कि वक्त के पहले ही इस प्रशिक्षण सुविधा को तैयार करना जीएसएल औऱ नौसेना की बेहतर डिजाइन और तकनीकी कौशल की क्षमता दर्शाती है। यह अनोखी सुविधा भारतीय नौसेना को परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के दौरान पैदा होने वाले वास्तविक दिखने वाला माहौल पेश करेगा ताकि नौसैनिकों को इस तरह के युद्ध के दौरान पैदा हालात से निबटने के लिये तैयार किया जा सके।
सीमुलेटर का स्टील ढांचा किसी युद्धपोत के ऊपरी डेक के अनुरूप बनाया गया है जहां पोत का एनबीसी कम्पार्टमेंट होगा। इस सीमुलेटर में प्रशिक्षु नौसैनिकों को एनबीसी जांच और खोजी उपकरणों से काम करना होगा ताकि परमाणु विकिरणों के बीच उनसे मुक्त होने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
