चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज (सोमवार) अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए 04 चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल हो गए हैं। सोमवार को ये हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन पहुंचे। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी शामिल हुए।
धनोआ ने कहा कि चिनूक को भारत के खास जरूरतों को ध्यान में रखकर वायुसेना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि चिनूक हमारे कई ऑपरेशन पूरे करने में मददगार रहेगा और यह न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी दूसरी ईकाई पूर्वी बेड़े में शामिल की जाएगी।
Air Chief Marshal BS Dhanoa: Chinook helicopter can carry out military operations, not only in day but during night too; another unit will be created for the East in Dinjan (Assam). Induction of Chinook will be a game changer the way Rafale is going to be in the fighter fleet. pic.twitter.com/TxJgJt8h5P
— ANI (@ANI) March 25, 2019
अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए चार चिनूक सीएच- 47 आई हेलिकॉप्टर भारत आ चुके हैं। वायुसेना ने 15 चिनूक हेलिकॉप्टर को हासिल करने का आर्डर दिया था जिसमें से पहला चिनूक हेलिकॉटर इस वर्ष फरवरी में आया था।
#Chinook : Induction – 25 Mar 19 –
IAF received its first CH-47F (I) Chinook heavy-lift helicopter on 10 Feb 19 at the Mundra port in Gujarat. On 25 Mar 19, it will be formally inducted into the Helicopter fleet of IAF at Chandigarh.
Photo Courtesy – Boeing India pic.twitter.com/hCfRzGmlmY— Indian Air Force (@IAF_MCC) March 25, 2019
ये है चिनूक की खासियतें-
- इसमें एकीकृत डिजिटल मैनेजमेंट प्रणाली है। इसमें कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कॉकपिट जैसी विशेषताएं हैं। इस हेलिकॉप्टर में एक बार में गोला-बारूद, हथियार के साथ-साथ जवानों को भी लाया और ले जाया जा सकता है। यह रडार की रेंज में नहीं आता।
- सबसे खास बात यह है कि यह भारी मशीनों, तोपों को उठाकर ले जा सकता है। 20,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ पाने में सक्षम है।
- यह 10 टन तक के वजन को आसानी से कहीं भी ले जा सकता है। यह 280 किलोमीटर घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।
- इसकी ऊंचाई 18 फीट और चौड़ाई 16 फीट है।
- दुनिया के 26 देशों में चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
