नई दिल्ली। पिछले साल भूटान के दावे वाले डोकलाम इलाके में भारत औऱ चीन की सेनाओं के बीच हुई तनातनी के दौरान नाथु ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा रद्द कर दी गई थी जिसे इस साल फिर खोला जाएगा। कैलाश-मानसरोवर यात्रियों के लिये नाथु ला का रास्ता फिर से खुलने के बाद वहां जाने वाले यात्रियों के नामों की सूची कम्प्यूटर के जरिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां मंगलवार को जारी की।
इस मौके पर विदेश मंत्री स्वराज ने कहा कि सरकारों के बीच रिश्ते तब तक प्रगाढ़ नहीं हो सकते हैं जब तक जनता स्तर पर सम्पर्क मजबूत नहीं हो। पिछले साल जब नाथु ला रास्ता बंद कर दिया गया था तो इससे जनता में भारी निराशा पैदा हुई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस रास्ते यात्रियों को भेजने के कार्यक्रम का एलान करते हुए खुशी हो रही है। कैलाश मानसरोवर का दूसरा रास्ता उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा से होकर है।
I had told Chinese Foreign Min that relations b/w govts can't prosper until people-to-people relations are improved, when Nathu La pass was closed during last Yatra it came as blow to people. I'm happy to announce that it has now been opened for Yatra: EAM #KailashMansarovarYatra pic.twitter.com/Ryp5XXzpfQ
— ANI (@ANI) May 8, 2018
विदेश मंत्री ने कहा कि लिपुलेख दर्रा के जरिये हम 60 यात्रियों के 18 बैच भेजेंगे और 50 यात्रियों के दस जत्थे नाथु ला के रास्ते भेजेंगे। कुल मिलाकर 1580 यात्री इस साल कैलाश मानसरोवर जाएंगे। यात्रियों के चयन की पूरी प्रक्रिया कम्प्टूयर के जरिये होती है जिसमें यात्रियों के लिये कई मानक तय किये गए हैं। इसके जरिये पूरी प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती जाती है।
चार महीने का यात्रा कार्यक्रम जून से शुरू होगा। सितम्बर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय चीन सरकार के सहयोग से करता है। नाथु ला का रास्ता भारतीय यात्रियों के लिये 2015 में खोला गया था। नाथु ला पार करने के बाद भारतीय यात्रियों को चीनी वाहनों के जरिये कैलाश तक पहुंचाया जाता है।
