नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद राज्य में अधिकारी स्तर पर कुछ फेरबदल किए गए हैं। छत्तीसगढ़ के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम को मुख्य सचिव और पूर्व IPS अधिकारी विजय कुमार को राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है। इन दोनों ही अधिकारियों की गिनती देश के योग्य और तेज-तर्रार अधिकारियों में होती रही है। दोनों ही सख्त फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाली के लिए बीवीआर सुब्रमण्यम की ख्याति है। वहीं विजय कुमार ने उस टीम का नेतृत्व किया था जिसने एक मुठभेड़ में कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मार गिराया था। यह मुठभेड़ अक्टूबर 2004 में हुई थी।
राज्य के मुख्य सचिव बनाए गए 1987 बैच के IAS अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम को नक्सल प्रभावित इलाकों में काम करने का अनुभव है। छत्तीसगढ़ में उन्होंने कई नक्सलरोधी अभियान चलाए और कामयाबी पाई। नक्सल प्रभावित इलाकों में उन्होंने कई विकास कार्यक्रम चलाए। बस्तर इलाके में सड़क निर्माण कराया। वर्ष 2017 में इस इलाके में लगभग 300 नक्सली मारे गए और हजार से अधिक ने आत्मसमर्पण किया। यूपीए-1 में वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव थे तो यूपीए-2 में वह संयुक्त सचिव बने।
राज्यपाल एनएन वोहरा के सलाहकार नियुक्त किए गए पूर्व IPS अधिकारी विजय कुमार को भी उग्रवाद निरोधक अभियान चलाने में माहिर माना जाता है। तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के IPS अधिकारी रहे विजय कुमार वर्ष 1998 से 2001 तक कश्मीर में तैनात रहे हैं। उस वक्त वह BSF के आईजी थे। अक्टूबर 2010 में उन्हें CRPF का महानिदेशक बनाया गया। इससे कुछ समय पहले CRPF के 75 जवान नक्सली हमले में शहीद हो गये थे। विजय कुमार के बल की कमान संभालने के बाद नक्सली गतिविधियों में कमी दर्ज की गई। विजय कुमार को लोग इसलिए भी जानते हैं कि जिस टीम ने कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मुठभेड़ में मार गिराया था उसका नेतृत्व उन्हींने किया था।
